ज्योतिष विद्या

ज्योतिष विद्या इच्छुकों के लिए वर्कशॉप , समूह सत्र जैसे विकल्पों द्वारा सप्ताहांत सत्रों में सिखाया जाता है।

केरल प्रश्न (होररी) ज्योतिष विद्या

केरल का मशहूर कवड़ी (होररी) प्रश्न विद्या , चोरी, विवाह, स्वास्थ्य,नौकरी, प्रयाण,वाणिज्य, सम्पत्ती, बंधुगण, देवता, दोष जैसे विविध विषयों पर प्रारंभिक से विस्तृत स्तर तक सिखाया जाता है। इसमें ना केवल सिद्धांतों का पठन होता है, बल्कि प्रत्यक्ष व्यष्टी अध्ययन भी कराया जाता है जिससे व्यावहारिक प्रयोग सरल हो जाता है।

ज्योतिष कुंडली शास्त्र

इस कक्षा में साधारण गणित (कुंडली निर्माण) से उच्च स्तर विश्लेषण सिखाया जाता है, जिससे शिष्य जन्म कुंडली आंकलन अथवा विश्लेषण , ग्रह स्थान , देश काल और अन्य जुडे कारणों का समावेश कर समीक्षा प्रस्तुत कर सकते हैं।

तांत्रिक शंख ज्योतिष शास्त्र

वाम तंत्र के द्रविड़ मांत्रिक पद्धति का ये एक अंग विद्या है जिसमें काली साधना और दीक्षा इस पाठ्य क्रम के अन्तर्गत सिखाया जाता है। दोषित ग्रह और दोष , शंख विद्या से पहचाना जाता है और द्रविड़ तंत्र में दिए गए उपयुक्त समाधान प्रयोग सिखाया जाता है। इसी कारण से इस विद्या में सिद्धांतों के अलावा तंत्र दीक्षा साधना और प्रयोग विधी भी सिखाया जाता है।

पोरूतम (विवाह गुण-अनुकूलता) और मुहूर्त

• विवाह विषय में केरल ज्योतिष विद्या नक्षत्र अनुकूलता के अलावा कई तत्वों को गणना में लेती हैं जैसे पाप समय, दश संधी, नवांश, और वंश वृद्धि, स्वास्थ्य और दीर्घ विवाह संबंध।
वाणिज्य , गृह , सांसारिक और अन्य कई मुहूर्त संबंधित विषयों के संदर्भ में, उचित काल निर्णय करने हेतू जन्म कुंडली और नक्षत्र अनुकूलता का विस्तृत आंकलन किया जाता है।

विशिष्ट विषय शिक्षा

प्रारंभिक अथवा व्यावसायिक ज्योतिषों की शिक्षा वृद्धि हेतू आध्यात्मिक, स्वास्थ्य केंद्रित, धार्मिक वास्तु ज्योतिष, ज्योतिष परिहार, निमित्त/शकुन ज्योतिष, न्यूमेरोलॉजी जैसे पाठ्यक्रम भी सिखाए जाते हैं।

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