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गुरुजी युगानंदनाथा ( श्री जितेश सत्यन जी) श्रीविद्या तंत्र पीडम के गुरुजी हैं। गुरुजी ने कई गुरुजनों से और अनेक पद्धतियों का अनुसरण किया है । वे केरल दक्षिणाचार, द्रविड़ कौल-वाम, मिश्राचार , वैदिक और समयाचार तंत्र पद्धतियों में निपुण हैं। गुरुजी के प्रमुख गुरु मंत्र विद्या पीड़म के ब्रह्म श्री टी डी पी नंबूदिरी हैं, जिनसे उन्होंने तंत्र पूजा/होम, वास्तु, और ज्योतिष विद्या का पठन किया है। गुरुजी कई वर्षों से तंत्र विद्या का अनुसरण और उसकी शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। उनका शिष्य वर्ग अनेक देशों में फैला हुआ है। गुरुजी ने अनेक मंदिर कार्य जैसे मूर्ति प्रतिष्ठा, सर्प पूजा, पितृ श्राद्ध, उत्सव पूजा में अपना योगदान दिया है। इसके व्यतिरिक्त गुरुजी ने घरों और मंदिरों में होने वाले महा पूजा और महा हवन में भी कार्य किया है।
गुरुजी ने ज्योतिष विद्या मे ए आई एफ ए एस (AIFAS) से ज्योतिष ऋषि पदवी प्राप्त की है। उन्होंने ज्योतिष और प्रश्न विद्या, मंत्र विद्या पीडम और कई माननीय परंपरागत गुरुओं से प्राप्त की हैं।मंत्र विद्या पीडम और वास्तु विद्या पीडम से वास्तु विद्या के अलावा, उन्होंने ए आई एफ ए एस से (AIFAS) वास्तु शास्त्र आचार्य और अंक ज्योतिष आचार्य पदवी भी प्राप्त की है।
गुरुजी ने कलरी और योग अभ्यास पनिक्कर कलरी गुरुकुल से किया है । गुरुजी ने उसुई शिकी रयोहो – हीलिंग टुडे USA, के अधिकृत रेकी मास्टर हैं और वर्ल्ड रेकी मिनिस्ट्री से उन्हें हीलिंग मास्टर की पदवी प्राप्त हुई है। इसके व्यतिरिक्त, गुरुजी एडवांस्ड प्राणिक हीलिंग में भी अधिकृत हैं। गुरुजी अमेरिकन हिपनोसिस एसोसिएशन द्वारा पास्ट लाइफ रिग्रेशन थेरेपिस्ट के रूप में प्रमाणित हैं।
गुरुजी को श्रीविद्या उपासना में क्रम दीक्षा और पूर्ण दीक्षा की उपलब्धि प्राप्त है और उनके गुरु आदेश से कई श्रीविद्या देवता साधनाओं में पुरश्चरण साध्य किए हैं । कई तंत्र गुरुओं के सान्निध्य में विद्या ग्रहण करते हुए गुरुजी को अति दुर्लभ सिद्ध योग , द्रविड़ ज्योतिष और हंस योग विद्या सीखने का अवसर भी प्राप्त हुआ है जो अति गोपनीय है और उस क्रम को केवल विशेषाधिकार शिष्य ही प्राप्त कर सकते हैं।