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आज आम तौर पर तंत्र क्रम केवल भक्ति तक ही सीमित है। मंत्र और पूजा बिना आंतरिक अर्थ बतलाए सिखाया जाता है , चक्र साधना केवल रंगों की कल्पना तक सीमित है, और काम वासना और भय के सम्मिश्रण के तथ्यों का प्रचार किया जाता है । तंत्र के नाम पर दिशाभूल और गुमराह कर बहुत दाम लूटा जाता है। तत्पर साधकों को सही मार्गदर्शन दिलाने हेतु हमारे यहां कई वीडियो, ऑडियो और ऑनलाइन प्रकाशन प्रकाशित किए जाते हैं।